अंडमान निकोबार के भर्मण पर जाने के लिए आप सभी को मेरे द्वारा इस ब्लॉग के जरिए विवश किया जाएगा। मेरी इस बात को मजाक तो बिल्कुल भी न समझिए क्योंकि अंडमान निकोबार द्वीप की ख़ूबसूरती खुद आपको यहाँ पहुंचने के लिए न्यौता दे रही है। मैं तो सिर्फ इस ब्लॉग के माध्यम से गाइडर बनने की कोशिश कर रहा हूँ।
आपको यहाँ पहुंच कर ऐसा लगेगा मनो आप हिन्दुस्तान में होते हुए भी थाईलैंड और मालद्वीव के खूबसूरत तटीय द्वीपों के सैर कर रहे है यहाँ के बीच बहुत साफ़ और सुंदर हैं।
बहुत ही कम लोगो को पता हैं की अंडमान और निकोबार हमारे हिन्दुस्तान के ही केंद्र शासित प्रदेश हैं ये दोनों द्वीप समूह बँगाल की खाड़ी में स्थित हैं।
छुट्टियों में अंडमान और निकोबार जैसी शांत जगह पर घूमने के लिए जायेंगे तो जीवन का सही मायने आनन्द ले पाएंगे। आइए जानते हैं अंडमान निकोबार द्वीप समूह के बारे में इस ट्रैवल ब्लॉग के माध्यम से:-
सफेद रेत की चादर से ढकी हुई शांत जगह, समुद्री तट और साफ क्रिस्टल क्लियर पानी अंडमान और निकोबार के प्रतीक माने जाते हैं। ये दोनों द्वीप समूह ट्रॉपिकल पैराडाइस का एक बेहतरीन उदहारण है।
बंगाल की खाड़ी में स्थित अंडमान निकोबार द्वीप समूह एक बहुत सूंदर पर्यटन स्थल है। यह जगह 300 द्वीपों का समूह है। जिसमें से कुछ द्वीप पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किए गए हैं और बाकी अन्य द्वीप मानव पहुंच से काफी दूरी पर है। यह जगह हर Honeymoon Couples को लिए बेहद अलग और खूबसूरत एहसास कराती है। अपनी भागदौड़ भरी जिंदगी से थक कर छुट्टियों में कहीं शांतिपूर्ण जगह पर घूमना चाहते हैं तो एक बार अंडमान निकोबार पर जरूर जाएँ । कई ट्रेवल कंपनियां अंडमान निकोबार द्वीप समूह टूर को बेहद सस्ते में उपलब्ध कराते हैं। आप इन्ही मे से किसी एक को चुन कर यहाँ पहुंचें और अपने भीतर एक नई याद संजोए। लेकिन यहाँ आने का फायदा तभी हो पाएगा जब आपको इधर देखने लायक घूमने वाली जगह का पता होगा तो आइए जानते हैं:-
अंडमान निकोबार द्वीप के मुख्य पर्यटन स्थल -
१. सेलुलर जेल:-
यहाँ पर आकर आपको जेल जाने के लिए तैयार रहना। वे भी कोई बिना जुर्म किए। मजाक समझ रहें हों परन्तु इसमें आप की भी गलती नहीं है। कोई भी व्यक्ति अगर सेलुलर जेल के बारे में जानेगा तो वह यही सोचेगा कि कोई जेल एक पर्यटन स्थल कैसे हो सकती है। लेकिन अंडमान निकोबार की राजधानी पोर्ट ब्लेयर में स्थित इस जेल में वीर सावरकर जी ने अपनी काले पानी की सजा काटी थी। इस जेल में लाइट एंड साउंड शो भी किया जाता है।
२. जॉली बॉय आइलैंड:-
यहाँ आने वाले पर्यटको की माने तो वे इस जगह को धरती पर स्वर्ग मानते हैं। महात्मा गांधी मरीन नेशनल पार्क के एक पार्ट यह आइलैंड पोर्ट ब्लेयर के बेहद नजदीक है, पोर्ट ब्लेयर से किसी छोटी नांव से भी इस जगह पहुंचा जा सकता है। यहाँ पर आप प्राकृतिक सुंदरता का भरपूर मजा ले सकते हैं।
३. रॉस आइलैंड:-
अगर आप लोग इतिहास में रुचि रखते हैं तो यह जगह आपके लिए बेहद अलग और नये अनुभव एहसास कराती हैं। इसी जगह पर भारत के स्वतंत्रता सेनानियों को सजा दी जाती थी। यह जगह पोर्ट ब्लेयर से पूर्व दिशा में स्थित है। यहाँ पर साल 1857 की कुछ इमारतें हैं हालांकि वे सभी इमारते अब पुरानी हवेली का रूप ले चुके हैं। यह आइलैंड पूरी तरह से इंडियन आर्मी के कंट्रोल में है।
सन 1857 में भारत की आजादी के पहले संग्राम के बाद ब्रिटिश साम्राज्य ने क्रांतिकारियों को अंडमान के सुदूर द्वीपों पर लाकर कैद रखने की योजना बनाई थी। 1858 में 200 क्रांतिकारियों को लेकर एक जहाज अंडमान पहुंचा। उस समय सारे के सारे द्वीप घने जंगलों से आबाद थे। इंसान के लिए वहां पर रहना मुश्किल था। महज 0.3 वर्ग किलोमीटर के इलाके वाला रॉस आइलैंड इन कैदियों को रखने के लिए चुना गया पहला जजीरा था। इसकी वजह ये थी कि यहां पर पीने का पानी मौजूद था। लेकिन इस द्वीप के जंगलों को साफ करके इंसानों के रहने लायक बनाने की जिम्मेदारी उन्हीं कैदियों के कंधों पर थी जो यहाँ पर बंधी बना कर लाये गए थे। इस दौरान ब्रिटिश अधिकारी जहाज पर ही रहा करते थे। जब ये जंगल साफ़ कर दिए गए थे तब यहाँ पर अंग्रेज अधिकारीयों के लिए रहने की इमारतों का निर्माण किया गया था।
४. बैरन आइलैंड:-
अपने नाम से दर्शाता यह एक बंजर और निर्जन द्वीप है। अंडमान निकोबार द्वीप की राजधानी यानी कि पोर्ट ब्लेयर से उत्तर-पूर्वी दिशा में हैं। इस जगह पर भारत और साउथ एशिया का एकमात्र जीवित ज्वालामुखी है। हालांकि यहाँ मौजूद ज्वालामुखी करीब 150 साल तक शांत रहा लेकिन 1991 में फिर सक्रिय हुआ था। इसी ज्वालामुखी को देखने लोग इस जगह आते रहते हैं।
करीब 3 किलोमीटर जगह में फैला बैरन द्वीप अंडमान द्वीपों का पूर्वी द्वीप है. बैरन का मतलब होता है बंजर। बंजर, जहाँ कोई रहता ही नहीं हो । ये द्वीप अपने नाम पर गया है, यहां किसी भी मनुष्य की आबादी नहीं रहती है। यहां जंगल भी ना के बराबर है। इस द्वीप में नाममात्र के ही पशु और पक्षी देखे गए हैं।
इस द्वीप के बारे में सन 1787 से रिकॉर्ड उपलब्ध हैं और तब से आज तक यहां 11 बार ज्वालामुखी फट चुके हैं। बीच-बीच में इससे धुआं निकलता रहता है यानी ये निरंतर सक्रिय बना हुआ है। हालांकि आखिरी बार ये साल 2016 में फटा था और बहुत दिनों तक लावा निकलता रहा था। यही कारण है कि इसके आसपास भी जाने के लिए द्वीप समूह के वन-विभाग से खास इजाजत लेनी होती है। यहां आज भी धूवां निकलते हुए देखा जा सकता है ।
आशा करता हूँ मेरे द्वारा दी गयी जानकारी आपको समज आयी होगी और ऐसी ही नई-नई जानकारियों के बारे में जान ने के लिए हमारे ब्लॉग को पढ़ते रहें।
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